फटेरा का उपयोग गन्ने में | use of fatera in sugarcane

फटेरा का उपयोग गन्ने में

  आज जायेंगे फटेरा के प्रयोग करके हम अपने गन्ने से ज्यादा उपज कैसे ले सकते हैं क्योंकि इसका प्रयोग हमारे अधिकतर किसान भाई करते हैं लेकिन सबको समान रिसाल्ट नहीं मिलते। इसमें बात आती है कि हम किस प्रकार प्रयोग करें, किस समय करें और क्या क्या सावधानी रखें जिससे हमें प्रयोग करके अपने गन्ने से ज्यादा पैदावार मिल सके अर्थात ज्यादा जो किट है उनका कंट्रोल हो सके और कुल मिलाकर ज्यादा उपज मिल सके। और फटेरा में क्या होता है?

फटेरा का उपयोग गन्ने में


ये कैसे काम करता है, क्या इसकी डोस होनी चाहिए? किस प्रकार लगाना चाहिए, क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए ये सब के बारे में बताएंगे  तो दोस्तों ये जो ऐफ़ एम सी का फटेरा होता है, इसमें होता है जो टेक्निकल होता है।


तो 0.4% होता है जो जी आर के रूप में आता है और ये बहुत अच्छा कीटनाशक है और कीटनाशक है साथ साथ ये हमारी फसल को हरा भरा भी कर सकता है। इसमें फाइट का भी एक तरह से काम होता है और हम फटेरा का प्रयोग करके हम अपने जो कीट है, उन पर ज्यादा कंट्रोल करता है और ज्यादा उपज ले सकते है। तो दोस्तों ये काम क्या करता है? तो जैसे गन्ने में लगने वाले विभिन्न प्रकार के जो कीट होते है


तना छेदक से लेकर टॉप बॉर्डर तक इन सब में काम आता है और जीतने भी छेद करने वाले जो कीट होते है, जीतने भी प्रकार के बोरर होते है। इस सब में काम करता है और इसका जो प्रयोग है हम अपनी फसल में खड़ी फसल में कर सकते है। अब बात करते है की हमें इसकी डोस क्या लेना चाहिए? गन्ने में इसकी डोस है। गन्ने में जो प्रयोग की मात्रा है वो है आठ किलोग्राम प्रति एकर। और जब हम इसका प्रयोग करे तो उस समय हमारे गन्ने में हल्की नमी होनी चाहिए और उसका प्रयोग करने के पश्चात हमें उसकी सिंचाई अवस्थ कर देनी चाहिए।


और सिंचाई करने के एक सप्ताह बाद दूसरी सिंचाई अवश्य कर देनी चाहिए और इसका प्रयोग हम यूरिया में मिलाकर कर सकते हैं। यदि हम यूरिया पहले एक 2 दिन पहले दे चूके हैं तो हम मिट्टी में मिलाकर भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसका जो प्रयोग है वो एकदम अर्थात इसकी जो मात्रा है पूरे खेत में समान रूप से जाए। अगर हम ऐसा करते हैं तो हम फटेरा से अपने अधिकतर जो कीट होते हैं, उनसे कंट्रोल कर सकते हैं।


और अपनी फसल को सुरक्षित बचाकर अपने गन्ने से उपज ले सकते हैं और इसका जो काम है जैसे हमने आपको बताया कि जड़ से लेकर यानी के दो तना छेदक शुरू में लगता है, वो लगता है यह बीच में सूट बोरर है और स्टेम बोरर है। यह टॉप बोरर आता है।


उस समय ये काम करता है और आप इसका प्रयोग करके आसानी से अपने गन्ने से ज्यादा उपज ले सकते हैं। क्योंकि जो किट होते हैं हमारे गन्ने को बहुत हानि पहुंचाते हैं और हमारे जो उपज है वो लगभग आदि करते हैं और इसका मतलब ये हुआ कि हम अपने फटेराका प्रयोग करके अपने गन्ने से ज्यादा उपाय ले सकते हैं। 


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