लहसुन में पोटाश कब देना चाहिए | When should potash be given to garlic?

  लहसुन की फसल मे पोटास के उपयोग और महत्त्व के बारे में। लहसुन की फसल में पोटाश का उपयोग कब करना चाहिए, कौन सा पोटाश डालना चाहिए और पोटाश डालने से लहसुन की फसल में क्या फायदा मिलता है इसके बारे में पूरी डीटेल के साथ में बात करेंगे 

लहसुन में पोटाश कब देना चाहिए


किसान भाइयों बात करते हैं। लहसुन के फसल के बारे में तो लहसुन की फसल में पोटाश का काफी बड़ा महत्त्व होता है, क्योंकि लहसुन की फसल है और कंध वर्गी फसल को पोटाश की काफी ज्यादा आवश्यकता होती है। अब पोटाश कौन सा खाद डालना चाहिए कौन कौन से समय पर डालना चाहिए, कितनी कितनी मात्रा में डालना चाहिए इसके बारे में बात करें तो पहली बार तो पोटास समय वो ही के समय पर डालना चाहिए। जब हम लहसुन की बुवाई करते हैं तो उस समय पर हमें पोटाश की पूर्ति करनी पड़ती है।


उस समय पर पोटाश की पुष्टि के लिए बहुत सारे किसान भाई एन पी के बाराबती 16 खाद डालते हैं, तो वहाँ पर एम पी के बाराबती 16 खाद की माध्यम से 16% पोटाश की पूर्ति बुवाई के समय पर हो जाती है।

लहसुन में पोटाश कब देना चाहिए


इसके अलावा बहुत सारे किसान भाई बी ए पी डालते हैं तो बी ए पी के साथ में के समय पर डालते हैं। तो अगर आपने बुवाई के समय पर पूरे टाला हैं तो बुवाई के समो पर आपकी फसल में पोटाश की पूर्ति हो चुकी हैं। इसके आगे जब हमारी पसंद लगभग 30 40 दिन के आसपास होती हैं तो उस समय पर आपको एन पी के 191919 खाद के माध्यम से पोटाश की पूर्ति करनी पड़ती हैं।


एन पी की 191919 के अंदर 19% नाइट्रोजन, 19% फास्फोरस और 19% पोटाश पाया जाता है तो उस समय पर आप इसको स्प्रे के माध्यम से अपनी फसल में दे सकते हैं। इसके अलावा जब आपकी फसल 50 60  दिन के आसपास होती है।


इस समय पर आप एन पी के जीरो बाउंड 34 के माध्यम से पोटाश की पूर्ति कर सकते हैं। एन पी के 05234 में 34% पोटाश पाया जाता है। इसके आगे जब आपकी फसल में लगभग आधा कंद बन जाए, आधा लहसुन बन जाए। उस समय पर आप जो है एन पी के 0050 अपनी लहसुन की फसल में स्प्रे कर सकते हैं जिसमें 50% पोटाश की मात्रा पाई जाती है।


अब बहुत सारे किसान भाई क्या करते हैं कि जब लहसुन 30 40 दिन की होती है तो उस समय पर डालते हैं या फिर बाराबती 16 डालते हैं तो आपको ये खाद डालने की आवश्यकता नहीं है। आप एन पी के 19 इन तीनों खातों के माध्यम से पोटाश की पूर्ति समय समय पर कर दीजिए। अब बात करते हैं कि पोटाश क्या काम करता है तो देखिए किसान भाइयों कंध वर्गीय फसलों में खास तौर पर जो कंध बनता है, उस कंध को बड़ा बनाने के लिए मजबूत बनाने के लिए पोटाश काफी जरूरी होता है। और अगर आप अपनी लहसुन से अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं तो आपको समय समय पर अपनी फसल में पोटाश की पूर्ति करनी ही पड़ेगी। तो यही काम पोटाश का होता है और पोटाश समय समय पर संतुलित मात्रा में देना चाहिए। अब एन पी की 19 को आप एक किलोग्राम, 05234 को एक किलोग्राम और 0050 को एक किलोग्राम आप प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं।


इसके अलावा बाराबती 16 और डी ए पी तो आप बुवाई के समय पर डालते ही हैं। लगभग 50 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से तो इस प्रकार से आप समय समय पर पोटाश की पूर्ति अपनी लहसुन की फसल में कर सकते हैं। इससे आपको काफी अच्छी पैदावार देखने को मिलेंगे। 

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